1 फरवरी आने वाले आम बजट 2020 में कमोडिटी बाजार वित्त मंत्री से क्या मांगे पूरी करवाना चाहता है इसकी पूरी जानकारी हम आपको यहां देंगे।
मोदी सरकार अपने पिछले बजटों में खेती व किसानों को दरकिनार करती आई है, तो आज हम जानेंगे की कमोडिटी बाजार केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से क्या-क्या आस लगाए बैठा है?
आम बजट 2020 में कमोडिटी बाजार की वित्त मंत्री से मांगे
आने वाले इस आम बजट 2020 में मोदी सरकार का सबसे बड़ा टारगेट घरेलू इकोनॉमिक को 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने का है और इसमें कमोडिटी बाजार का रोल या कहें किरदार बहुत ही अहम रहने वाला है।
अब जो हमने जान लिया है कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी बनाने के अंदर कमोडिटी बाजार अहम किरदार निभाने वाली है तो यह जाहिर सी बात है कि कमोडिटी बाजार की जो मांगे हैं उनकी लिस्ट भी लंबी होने वाली है।
इसमें प्रमुख मांग कमोडिटी के ऊपर टैक्स को कम करने को लेकर रहेगी और “मेक इन इंडिया” की तर्ज पर “ट्रेड इन इंडिया” को बढ़ावा देने पर जोर रहेगा।
अगर हम एग्रीकल्चर सेक्टर को देखें तो पिछले 4 साल में लगातार एग्रीकल्चर का ग्रोथ रेट कम होता जा रहा है, 4 साल पहले यह ग्रोथ रेट 6% था उसके बाद है 5 परसेंट हुआ और फिर तीन परसेंट हुआ और इस साल यह ग्रोथ रेट लगातार चल रही गिरावट के साथ 2% होने की अपेक्षा है।
आपको बता दें कि देश की जीडीपी में एग्रीकल्चर यानी की खेती की 17% हिस्सेदारी है और मोदी सरकार द्वारा किसानों के हित की तमाम योजनाएं जैसे प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना आदि लागू करने के बाद भी यदि एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट लगातार गिर रहा है तो फिर उसका जिम्मेदार कौन है?
एग्रीकल्चर ग्रोथ रेट गिरने के साथ-साथ एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट में भी गिरावट देखने को मिल रही है तो यह समस्या है एग्रीकल्चर की यह एक फंडामेंटल समस्या है।
निर्मला सीतारमण से कमोडिटी बाजार की मुख्य मांगे आम बजट 2020 के लिए
- मंडी व्यवस्था में बड़े रिफॉर्म की डिमांड।
- किसानों की आमदनी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करवाना।
- मिट्टी की जांच आसानी से करवाना और प्रत्येक किसान के लिए इसे करवाना संभव करना।
- सिंचाई के लिए उच्चतम प्रावधान बनाना।
- मौसम अनुमान सटीक बनाने पर कदम उठाए जाएं।
- कृषि एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए रियायत प्रदान करना।
- कमोडिटी ट्रांजैक्शन टैक्स घटाने की डिमांड।
- एग्रीकल्चरल ग्रोथ गिरने के कारणों का पता लगाना वह उसे हल करना।
- फर्टिलाइजर और बीज सप्लाई की बेहतर व्यवस्था स्थापित करना।
- eNAM को और ज्यादा प्रभावी बनाया जाए।
- IMD के टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन के लिए प्रावधान किया जाए।
- कर्ज माफी से ज्यादा जरूरी दिक्कतों को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।
- एग्रीकल्चर क्रेडिट समस्या पूरी तरह खत्म करनी होगी।
आने वाली 1 फरवरी 2020 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने बही खाते वाले आम बजट 2020 के अंदर क्या कमोडिटी बाजार की इन मांगों पर खरा उतर पाती है या नहीं देखने के लिए बने रहिए आईएनडीन्यूज़टीवी के साथ।