Dussehra 2024 : आपको जानकर हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश में एक ऐसा गांव है जहां पर रावण दहन नहीं किया जाता बल्कि यहां पर रावण की पूजा की जाती है। कहां जाता है कि यहां पर रावण को धागा बांधने से यहां पर रोगों से मुक्ति मिलती है। हम आपके यहां पर मध्य प्रदेश की इस गांव में रावण की पूजा क्यों की जाती है इसके बारे में पूरी जानकारी देंगे।
पूरी दुनिया में रावण को बुराई का प्रतीक माना जाता है जिसकी वजह से प्रत्येक वर्ष विजयदशमी के दिन रावण दहन किया जाता है। लेकिन मध्य प्रदेश का एक ऐसा मंदसौर गांव है जहां पर रावण दहन नहीं किया जाती बल्कि यहां पर विजयदशमी के दिन रावण की पूजा की जाती है। आईए जानते हैं कि आखिरकार यहां के लोग रावण की पूजा क्यों करते हैं।
रावण की पूजा क्यों होती है ?
मध्य प्रदेश राज्य के मंदसौर जिले में प्रत्येक विजयदशमी के दिन रावण का दहन ना करके बल्कि यहां पर पूरे विधि विधान से रावण की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी मंदसौर की बेटी है। मंदसौर के लोग रावण को अपना दामाद मानते हैं। यही वजह है कि यहां पर मंदसौर के लोगों ने रावण की 41 फीट की प्रतिमा स्थापित की है।
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मंदसौर शहर के खानपुर में 41 फीट प्रतिमा की विजयदशमी की दिन नामदेव समाज के लोग पूजा करते हैं। यहां के लोग सुबह रावण की पूरी विधि विधान से पूजा करते हैं और इसके बाद शाम को इनकी पुतले की दहन करते हैं। कहां जाता है कि रावण इस पूरी विश्व का सबसे बड़ा विद्वान था।
रावण को धागा बांधने से मिलती है रोगों से छुटकारा
मंदसौर शहर के लोगों को कहना है कि रावण के बाएं पैर में धागा बांधने से लोगों को रोगों से छुटकारा मिलता है। जिन लोगों को बुखार की समस्या होती है यानी की, वह बुखार जो 1 दिन छोड़कर एक दिन आता है अगर वह पीड़ित व्यक्ति रावण के बाहर बाएं पैर में धागा बनता है तो उसे इस रोग से छुटकारा मिलता है।