बंगलुरु इसरो लगातार अपने बेहतरीन प्रयासो से आये दिन अपनी पॉपुलरता बड़ा रहा है |थोड़े दिनों पहले चद्रयान 2 लॉन्च किया था |हलाकि चंद्रयान 2 की लेंडिंग सही नहीं हो पायी पर विक्रम लेंडर अभी भी धरती पर सुचनाये भेज रहै है |चन्द्रयान 2 की पूरी यात्रा सिस्टम के अनुसार रही| परन्तु लेंडिंग से कुछ समय पहले रोवर का धरती से संपर्क टूट गया था |सॉफ्ट लेंडिंग नहीं हो पाई| इसरो के पुरे प्रयासों के बावजूद भी रोवेर का पुनः सम्पर्क नहीं हुआ |तथा विक्रम लेडर की जानकारी से पता चला की; रोवर की लेंडिंग थोड़ी टेडी हुई है |रोवर हार्ड लेंडिंग के पश्चात भी सुरक्षित रहा| टेक्नोलॉजी की खराबी के कारण पुनः सम्पर्क नहीं हुआ| तथा रोवर का जीवन काल समापत हो गया|
विक्रम लेंडर ने भी कई जानकारिया इसरो को दी है| रोवर की स्तिथि की जानकारी भी रोवर ने दी थी| उसके बाद अमेरिका नासा ने भी यही जानकारी इसरो को दी|
Chandrayaan-2 के ऑर्बिटल ने दी बेहतरीन जानकारी
- चन्द्रयान 2 का एक भाग ऑर्बिटर के पे लोड चेस 2 ने कल इसरो को एक अहम् जानकारी दी|
- ऑर्बिटर ने बताया की चन्द्रमा के बाहरी कक्ष में ऑर्गन की मौजूदगी पाऐ जाने के संकेत है |
- चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर की स्थापना २० अगस्त २०१९ को हुई थी|
- और ऑर्बिटर का काम चंद्रमाँ के बाहरी सतह की जानकारी देना है |
- जो काम ऑर्बिटर सिस्टम के अनुसार काम कर रहा है।
- चंद्रयान 2 के बाद इसरो कार्टोसेंट 3 को लॉन्च करने की तैयारी में है|
- ६ महीनो बाद रूटीन मशीनो की और लौटते हुए
- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंथान संगठन इसरो उच्च विभेदन क्षमता वाले भू अवलोकन उपग्रह को लॉन्च करने की तैयारी में है|
- कोर्टोसेट 2 की तुलना में कोर्टोसेट 3 काफी तकनीक के साथ बनाया गया है|
- यह उपग्रह धरती पर 0. 25 मिटर तक की वस्तु को भी देख सकेगा|
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साल के अंत तक तीन मिशन होंगे लॉन्च
- PSLV C -47 मिशन में कॉर्टोसेट 3 उपग्रह के साथ एनालिटिकल स्पेस INC का उपग्रह भेजने की योजना है|
- इसके बाद PSLV सी -48 से जापान की अंतरिक्ष एजेंसी व् PSLV C 49 से लक्जमबर्ग की अंतरिक्ष एजेंसी के उपग्रह लॉन्च किये जायेंगे इसरो की योजना है| की ऐसी साल के अंन्त तक ये तीनो प्रोजेक्ट पुरे करने है|