पापांकुशा एकादशी कब है : पापांकुशा एकादशी कब है, इसको लेकर लोगों के मन में बहुत सारी कन्फ्यूजन है। लोगों के मन में कंफ्यूजन है कि पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को मनाया या 14 अक्टूबर को, क्योंकि दोनों दिन ही एकादशी पड़ रही है। अगर पापांकुशा एकादशी का व्रत रखना चाहते हैं तो आपको पापांकुशा एकादशी कब है व्रत का महत्व और व्रत के नियम क्या है इसके बारे में जानेंगे।
पापांकुशा एकादशी कब है ?
हिंदू पंचांग के अनुसार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष एकादशी की तिथि 13 अक्टूबर को दिन रविवार सुबह 9:08 से शुरू होगी और इसका समापन 14 अक्टूबर को दिन सोमवार सुबह 6:14 पर होगा। लोगों के मन में पापांकुशा एकादशी का व्रत कब रखे, इसको लेकर सबसे बड़ी कन्फ्यूजन है। इसके बारे में भी नीचे जानते हैं।
साधु सन्यासी बैरागी लोगों के लिए पापांकुशा एकादशी का व्रत 13 अक्टूबर को रखेगे, इसके अलावा जो गृहस्थी लोग हैं यानी कि जो भगवान विष्णु को मानते हैं भगवान राम को मानते हैं भगवान कृष्ण को मानते हैं यह सभी लोग 14 अक्टूबर को एकादशी का व्रत रखेंगे। सभी गृहस्थी लोगों को 14 तारीख को एकादशी का व्रत करना सबसे श्रेष्ठ है।
पापांकुशा एकादशी का महत्त्व
पापांकुशा एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण एकादशी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पापांकुशा एकादशी का व्रत बहुत ही श्रेष्ठ व्रत बताया गयाहै। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पंप एकादशी का व्रत करने वाला व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है। इसका व्रत करने से जिंदगी में सुख शांति समृद्धि आती है।
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पापांकुशा एकादशी के दिन पूरे विधि विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है। अगर कोई व्यक्ति सुख शांति से परेशान है उसकी जिंदगी में परेशानियां चल रही है तो वह व्यक्ति पापांकुशा एकादशी का व्रत करके भगवान विष्णु को पसंद कर सकता है। कहते हैं कि पापांकुशा एकादशी व्रत करने से भगवान विष्णु की कृपा से आपके सभी कष्ट मिट जाते हैं।
एकादशी व्रत के नियम एवं विधि
अगर आप एकादशी व्रत रखने का पूरा फल प्राप्त करना चाहते हैं तो इसको आपको पूरे नियम एवं विधि के साथ एकादशी का व्रत रखना चाहिए, तभी आपको एकादशी व्रत का फल प्राप्त होगा।
- एकादशी व्रत रखने के समय झूठ बिल्कुल नहीं बोलना है।
- एकादशी के दिन भूलकर भी चावल का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी व्रत के दौरान आपको ना किसी की निंदा करनी है ना ही किसी की निंदा सुननी है।
- एकादशी व्रत के दौरान आपको दोपहर के समय सोना नहीं है।
- तुलसी पत्र के साथ ही एकादशी व्रत का पारण करें।
- एकादशी व्रत के दौरान आप भगवान नारायण को पंचामृत से स्नान कराएं।
- एकादशी व्रत के दौरान आप पीले वस्त्र पहने और भगवान नारायण को पीले रंग का चंदन लगे और साथ में पीले रंग के फूल भी चढ़ाए।
- एकादशी व्रत के दौरान आप भगवान नारायण के मंदिर में गाय के घी का ही दीप जलाएं।
- एकादशी व्रत के दौरान आप पापांकुशा एकादशी व्रत की कथा का पाठ जरुर करे।
- एकादशी व्रत के दौरान आप तुलसी को ना तोड़े और ना ही इस दिन तुलसी माता पर कोई जल चढ़ाएं। क्योंकि इस दिन माता तुलसी भी भगवान विष्णु की व्रत रखती है।