Pitru Paksha 2024 : सनातन धर्म में पितृपक्ष की अवधि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दौरान जातक पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं। सनातन धर्म में मान्यता है कि पित्त पक्ष के दौरान ऐसा करने से जातक को पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है। अगर आप पितृपक्ष के दौरान कुछ विशेष चीजों का दान करते हैं तो आपके पूर्वज खुश होते हैं और आप पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं।
पितृपक्ष में किन चीजों का दान करना चाहिए ?
- पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरे श्रद्धा के साथ श्राद्ध करना चाहिए।
- पितृपक्ष के दौरान अगर आपसे संभव है तो आप चांदी का दान करें इससे पितृ आपसे खुश होते हैं।
- पितृपक्ष के दौरान चावल और गेहूं का दान करना शुभ माना जाता है।
- श्रद्धा प्रक्रिया में काले तिल को शामिल जरूर करना चाहिए इसका विशेष महत्व माना जाता है।
- श्राद्ध में तिल का दान करने से जातक के भविष्य में आ रहे सभी कष्टों का निवारण होता है। इतना ही नहीं कुंडली में गलत ग्रहों से भी मुक्ति मिलती है।
- पितृपक्ष में गोदान करने से जातक को सुख समृद्धि मिलती है और पितरों को भगवान विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।
- पितृपक्ष के दौरान गुड का दान कर सकते हैं इससे परिवार में मिठास आती है और रिश्ते मजबूत होते हैं।
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पितृपक्ष 2024 श्राद्ध की सभी तिथियां
हर बार पितृपक्ष तिथि भाद्रपद महीने की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से लेकर अश्विनी महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस तिथि तक रहती है। इस साल पितृपक्ष 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक रहेंगे। आइए हम आपको बताते हैं कि किस दिन कौन सा श्राद्ध पड़ेगा।
17 सितंबर | पूर्णिमा श्राद्ध |
18 सितंबर | प्रतिपदा श्राद्ध |
19 सितंबर | द्वितीया श्राद्ध |
20 सितंबर | तृतीया श्राद्ध |
21 सितंबर | चतुर्थी श्राद्ध |
22 सितंबर | पंचमी श्राद्ध |
23 सितंबर | षष्ठी और सप्तमी श्राद्ध |
24 सितंबर | अष्टमी श्राद्ध |
25 सितंबर | नवमी श्राद्ध |
26 सितंबर | दशमी श्राद्ध |
27 सितंबर | एकादशी श्राद्ध |
28 सितंबर | द्वादशी श्राद्ध |
29 सितंबर | द्वादशी श्राद्ध |
30 सितंबर | त्रयोदशी श्राद्ध |
1 अक्टूबर | चतुर्दशी श्राद्ध |
2 अक्टूबर | सर्व पितृ अमावस्या (समापन) |