राजस्थान मे पहले क्रूड ऑयल के बाद पोटाश के अकूत भंडार मिले हैं |पोटाश के अमुक भंडार राजस्थान में मिले देश में पहली बार यहां पर होगा खनन
पोटाश के अमुक भंडार राजस्थान में मिले : देश में पहली बार होगा खनन
- राजस्थान मे पहले क्रूड ऑयल के बाद पोटाश के अकूत भंडार मिले हैं
- आज तक भारत देश पोटाश का 100% प्रतिशत विदेशों आयात करता था
- क्योकी देश मे कोई भंडार होने का पता नहीं था और देश में पहली बार इस के
- भंडार राजस्थान के बीकानेर और नागौर जिले में मिले हैं
- अब तक करीब 2500 मिलियन टर्न पोटाश भंडार की खोज की जा चुकी है|
- नगौर व बीकानेर में जल्द ही इसका खनन शुरू किया जाएगा|
Mr Gupta ने खनन कार्य शुरु करने के लिए के केन्द्र से मुलाकात की
- राजस्थान में पोटाश के कई भण्डार मिले |इसी सिलसिले में प्रदेश के मुख्य सचिव Mr. Gupta
- ने शुक्रवार को दिल्ली के बीकानेर हाउस में केंद्र सरकार की खनन मंत्रालय जीएसआई और निजी कंपनियों के साथ बैठक
- की तथा राजस्थान में मिले अमुक पोटाश भण्डारो का जिक्र किया|
- राजस्थान सरकार और निजी कंपनी के बीच पोटाश खनन को लेकर इसी महीने एक एमओयू होने जा रहा है
- और अगले 6 महीने में ऑप्शन होने की उम्मीद की जा रही है तथा खनन कार्य शुरू होने की संभावना है |
- बता दें कि क्रूड ऑयल के बाद पोटाश के भन्डार मिलने से राजस्थान में खोज से भी देश
- तथा राज्य के लोगों को आर्थिक मजदूरी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है|
- तथा लाखों लोगों को रोजगार मिलने वाला है
यह भी पढे :- रोहित शर्मा की कप्तानी में भारत को मिली हार बांग्लादेश ने जीता पहला मैच
पोटाश के खनन के पश्चात कम होगा विदेशों से आयात लंबे समय से चल रहे थे खोज प्रयास
राजस्थान में पोटाश खनन के बाद देश को विदेश में आयात कम करना पड़ेगा फिलहाल देश
में पोटाश का 100% विदेश से आयात होता है
MOU साइन होने के बाद जल्दी राजस्थान में पोटाश का खनन शुरू होगा राजस्थान देश का एकमात्र
पोटाश उत्पादक राज्य बनने वाला है
राजस्थान में लाखों बेरोजगारों को रोजगार मिलने वाला है |राजस्थान में
पोटाश की खोज लंबे समय से चली आ रही है
गंगानगर में जीएसआई ने 1974 में की थी अब तक प्रदेश की तलाश में 71 से अधिक बोरेवोल खोदे जा चुके हैं
और बीकानेर, गगांनगर, हनुमानगढं , नागौर मे भंडार की सफल खोज की गई है| फिलहाल
बीकानेर नागौर को चिन्हित कर आगे की कार्रवाई शुरू हुई है
जर्मनी और कनाडा की मदद से होंगा खनन कार्य शुरू खान व भूविज्ञान विभाग के अतिरिक्त
निदेशक जीएसआई ने पोटाश के
निर्माण लिए प्रदेश में पोटाश के सोल्यूशन माइनिंग की जाएगी|इसके तहत पोटाश में करीब
200 से 400 मीटर जमीन के भीतर
कोटा को बोरे वॉल पर पानी और सॉलूशन के जरिए घुलनशील बनाया जाएगा और फिर बाहर निकाला जाएगा|
इस प्रकार की टेक्नोलॉजी भारत में उपलब्ध नहीं है पोटाश निर्माण के लिए जो सॉल्यूशन
माइनिंग टेक्नोलॉजी काम में आने वाली है
उसके अनुसार ऐसी सॉल्यूशन माइनिंग कनाडा और जर्मनी जैसे देशों में ही संभव है इसीलिए
जर्मनी और कनाडा की सहायता से
राजस्थान में खनन कार्य शुरू होगा| राजस्थान में खनन कार्य शुरू होने से पहले जर्मनी और
कनाडा के साथ जीएसआई की मुलाकात होगी|