Sharad Purnima Kab Hai – हिंदू धर्म में हर तिथि और हर त्यौहार का अलग महत्व है। अक्टूबर में शरद पूर्णिमा आने वाली है ऐसे में सभी लोगों के मन में शरद पूर्णिमा कब है ( Sharad Purnima Kab Hai ) इसको लेकर बहुत अधिक कंफ्यूजन है। लोगों के मन में कंफ्यूजन है कि शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर या 17 अक्टूबर है।
हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के अगले दिन ही शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की आराधना की जाती है और उनका व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व होता है इस दिन व्रत रखना और भगवान विष्णु की पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। अक्टूबर में शरद पूर्णिमा कब है इसके बारे में जानते हैं।
शरद पूर्णिमा कब है ? ( Sharad Purnima Kab Hai )
पंचांग के अनुसार अश्विन माह के पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 16 अक्टूबर को रात्रि 8:40 में होगी, वही स्थिति की समापन 17 अक्टूबर को शाम को 4:55 पर होगी। इस हिसाब से शरद पूर्णिमा का पर्व 16 अक्टूबर को मनाया जाएगा। आप शत पूर्णिमा के दिन ब्रह्म मुहूर्त की पूजा 4:42 से लेकर 5:32 तक है। विजय मुहूर्त दोपहर 2:01 से लेकर 2:47 तक है, गोधूली मुहूर्त 5:50 से लेकर 6:15 तक है, निशिता मुहूर्त रात्रि 11:42 से लेकर 12:32 तक है।
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शरद पूर्णिमा का महत्व
सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिंदू पंचांग के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी अवतरित हुई थी। कहां जाता है कि इस दिन महालक्ष्मी घर आती है। इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा की जाती है।
हिंदू मान्यतओ के अनुसार मानता है कि इस दिन चंद्रमा से अमृत की वर्षा होती है। कहा जाता है कि इस दिन से मौसम बदलता है और सर्दी की शुरुआत होती है। इस रात्रि चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से पूर्ण होकर अमृत वर्षा करते हैं। शरद पूर्णिमा की रात्रि में खीर रखने की भी परंपरा है।