suprim court के आदेश के बाद भारत में टेलीकॉम सेक्टर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट गया है टेलीकॉम क्षेत्र पर संकट की और संभावनाएं :सुप्रीम कोर्ट
टेलीकॉम क्षेत्र पर संकट की और संभावनाएं :सुप्रीम कोर्ट
- यह कारोबार के हिसाब से सबसे ज्यादा क्षमता वाला क्षेत्र है
- कुछ दशक पहले तक विश्व की बड़ी – बड़ी टेलीकॉम कंपनी
- भारत के बाजार में उतरना चाहती थी लेकिन आज की स्थिति
- में भारतीय बाजार में कुल चार ही टेलीकॉम कंपनी रही है जो
- पहले करीब 15 के करीब थी टेलीकॉम सेक्टर पहले की भांति
- आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण क्षेत्र है इस सेक्टर में
- भारतवर्ष के आम आदमी की जीवन शैली पर बहुत प्रभाव पड़ता है
- देश के हर कोने में एक दूसरे के साथ को जोड़ने के लिए टेलीकॉम का योगदान बहुत ही अहम है|
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद टेलीकॉम कंपनी को पहली बार लगा झटका
इस सेक्टर को पहली बार झटका तब लगा जब 222 कंपनियों के लाइसेंस
रद्द कर दिए गए जिसके बीच में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में एयरटेल और वोडाफोन
को भारत सरकार को देना है इस आदेश में निश्चित तौर पर गहरा संकट है वोडाफोन
के अनुसार कपन्नी को 30500 करोड़ का घाटा हुआ है जबकि एयरटेल 23000 करोड रुपए है
निश्चित तौर पर कंपनियां सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई है यदि सुप्रीम कोर्ट और
भारत सरकार का यही रुख बना रहा तो भारतीय टेलीकॉम सेक्टर तथा बैंकिंग व्यवस्था
और भारत की अर्थव्यवस्था को भी प्रभावित करेगा |
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रिलायंस जिओ आने के बाद टेलीकॉम सेक्टर में बड़ी प्रतिस्पर्धा
- भारत में रिलायंस जिओ टेलीकॉम कंपनी भारतीय बाजार में आने के बाद
- टेलिकॉम सेक्टर में काफी स्पर्धा बडी है कम्पनीया सेक्टर बने रहने के लिए
- अपने प्लानो मे कमी देखने को मिली है भारत में हर वर्ष 15 से 21% मोबाइल
- फोन कनेक्शन नए जुडते है |वोडाफोन और एयरटेल के ग्राहक भी करोड़ों की संख्या में है
- लेकिन इसके बाद भी इन कंपनियों द्वारा सेवाओ को सस्ता किया जा रहा है | वह कंपनी
- विशेष चलाने के लिए पर्याप्त नहीं हो रही है क्योंकि प्रतिष्ठा की दौड़ में आज कंपनियां बहुत
- कम मूल्य में सेवाएं दे रही है कंपनियों को घाटे से उबारने की आवश्यकता है| टेलीफोन कंपनियों के
- लिए सेवाओं का एक मूल्य निर्धारित करना होगा| जिससे कम मूल्य में कोई भी कंपनी नहीं दे सके
- और एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के माहौल में जनता को बेहतर सेवाएं दे पाए|